स्पीक एशिया : Ashok Bahirwani's Updates 14-02-2012 हिंदी मैं



उच्च न्यायालय में AISPA रिट 3611 / 2011 सुना गया था और मामले को 23 फरवरी 2012 तक स्थगित कर दिया गया है. उत्तरदाताओं (EOW और नवनीत खोसला) को जवाब में हलफनामा दायर करना था, जो वास्तव में 23 जनवरी 2012 तक दायर करना था. माननीय न्यायालय ने आदेश दिया है कि वे 23 फरवरी 2012 को अंतर्कलिन अंतरिम राहत पर आदेश पारित करेंगे.
अंतर्कलिन अंतरिम राहत तब है, जब इस मामले का अंतिम निपटान लंबित हो, तब मामला लंबित रहने की अवधि के दौरान अदालत से कोई राहत की मांग की हो. इस मामले में AISPA की मांग है, कि पूरे मामले को निलंबित करना चाहिए जब तक मध्यस्थता प्रक्रिया पूर्ण नहीं होती.

दोस्तों, मध्यस्थता प्रक्रिया के बारे में हमें याद है कि यह एक बंद दरवाजा मध्यस्थता प्रक्रिया है और इस शब्द के अर्थ से यह काफी स्पष्ट है कि बैठकों की दिन बदिन रिपोर्टिंग उपलब्ध नहीं होगी. मध्यस्थता का पहला चरण, बाहर निकलें विकल्प से सम्बंधित है और जिन पनेलिस्ट्स ने बाहर निकलें विकल्प को चुना है, उन सभी का इस पहले चरण में यकीनन, भुगतान किया जाएगा.


प्रक्रिया में विश्वास रखिये और मध्यस्थता के अंतिम परिणाम का इंतज़ार किजिये, जिसका मुझे विश्वास है कि हमारे पक्ष में हो जाएगा, क्योंकि अंतिम विश्लेषण में "सत्यमेव जयते"

"जहां एकता है, वहाँ हमेशा जीत है"...................Publilius Syrus

धैर्य रखिये , विश्वास रखिये, अपनी कंपनी पर भरोसा रखिये.

मोरया भाई मोरया .

Speakasian होने पर गर्व है.

अशोक बहिरवानी

सचिव AISPA

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