स्पीक एशिया : अफ़सोस, आज भी फैसला न हो पाया



जैसा की हम सभी जानते है की आज की सुप्रीम कोर्ट की तारिख की सुनवाई सभी स्पीक एशियन के लिए बड़ी अहम् थी और इस तारीख का हमें एक अरसे से इंतजार भी था. वैसे भी इंतजार की घड़ियाँ सदियों के समान गुजरती है. अफ़सोस की बात है की आज भी फैसला न हो पाया और कोर्ट ने मानवीय कारणों के मद्देनज़र सुनवाई की तारिख को अगले तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है.  
कहने का तात्पर्य है की अब इंतजार के समय में ये तीन सप्ताह का समय और जुड़ गया है. और हमारी परीक्षा थोड़ी और कठिन हो गई है. कोई कुछ भी कहे, हम सभी एक दुसरे का हाल अच्छी तरह से जानते और समझते है. शायद इसी लिए तारिख के तीन सप्ताह और आगे टल जाना हमें खुशगवार नहीं है, कारन फिर चाहे कुछ भी हो. बेसब्री से कर रहे इंतजार और शारीरिक या मानसिक तकलीफ  में जब कोई इजाफा होता है तो ये किसी को भी पसंद नहीं आता. शायद आज हम सभी उसी नापसंद दौर से गुजर भी रहे है.

लेकिन दोस्तों, बुजुर्गो ने एक बात अक्सर बताई थी की आपको अपने ऊपर भरोसा होना चाहिए. अपनी बाजुओं और शरीर के बल पर भरोसा होना चाहिए. अगर ये है तो फिर आपको अपनी तकदीर पर भरोसा करना चाहिए. क्योकि आपका भाग्य आपके आत्मबल और कर्म से जुड़ा होता है. 

इस लिए दोस्तों आप अपने पर भरोसा रखे, अपनी पोजिटिव सोच पर भरोसा रखे, बीस लाख परिवार के सदस्यों की दुआओं पर भरोसा रखे. और ये भरोसा कैसे होना चाहिए दोस्तों.  आप कभी किसी परिंदे को किसी पेड़ की शाखा पर बैठते जरूर देखा होगा. ध्यान से देखे, ये परिंदा कभी भी किसी भी शाखा पर बेठने से पहले उसका मुवायना नहीं करता, छट से बेठ जाता है. तेज हवाए चलती है लेकिन वो परिंदा उसी डाल पर बैठा रहता है, परिंदे को उस डाल (शाखा) के टूटने के बिलकुल भी भय या डर नहीं है जानते है क्यों? क्योकि परिंदे को अपने परो, अपनी शक्ति पर भरोसा है. परिंदा बिना भय उसी डाल पर बेठ कर तूफ़ान के रुकने का इंतजार करता रहता है. 

दोस्तों, आज हमारे लिए भी लगभग ऐसा ही समय है, और इस समय हमें अपने विश्वास को, अपने भरोसे को डगमगाने नहीं देना है और न ही इस तूफ़ान से डरना है. क्योकि हमें विश्वास है अपने आप पर, हमें विश्वास है स्पीक एशिया पर, हमें विश्वास है अपने संगठन पर, हमें विश्वास है अपने लीडरान पर, हमें विश्वास है अपने देश की न्याय पालिका पर, हमें विश्वास है अपने कर्मो पर, हमें विश्वास है बीस लाख लोगो के परिवारों की दुवाओं पर, उनकी पूजा अर्चना पर, हमें विश्वास है अपने बल पर, हमें विश्वास है अपनी एकता पर और हमें विश्वास है आने वाले अपने सुनहरे कल पर.  

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