न्यायपालिका इनके ठेंगे पे ..........
लगता है यह भष्ट मीडिया और EOW किसी कम्पनी विशेष (N***T) के लिये काम कर रहे है। EOW माननीय सुप्रीम कोर्ट के बुलाने पर उपस्थित नही होता है और न ही अपनी बात रखता है। और TIMES OF INDIA के इन्टरव्यू में SAOL पर गंभीर आरोप लगते हैं। जैसे ये सरकारी अधिकारी न होकर कम्पनी विशेष के पिट्ठू हैं। लगता है यह माननीय सुप्रीम कोर्ट के ऊपर हैं। न्यायपालिका इनके ठेंगे पे है।
अब EOW और सरकारी वकील इतने निचले स्तर तक गिर चुके है, कि वे अदालत को भी गलत सूचना देकर गुमराह कर रहे है। जिससे न्याय प्रक्रिया में विलंभ हो। यह सब उन राज्यों में हो रहा है जहाँ कांग्रेस शासित सरकारें हैं। चाहें वह दिल्ली हो, चाहें महाराष्ट्र हो, या राजस्थान। EOW कम्पनी को क्लीन चिट देने के लिए रु. ५००० प्रति पैनेलिस्ट मांग रहा है।EOW के इस HARASSMENT के लिए पैनेलिस्ट संघ ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की हुई है। किन्तु यह सरकारी अधिकारी नैतिक रूप से पूर्णतया दिवालिया हो चुके हैं। यह पैसे और पद के लिए भ्रष्ट उद्योगपति और नेताओं के गुलाम हो चुके हैं।
बिना जन लोकपाल लाये। इन भ्रष्ट मीडिया, भ्रष्ट राजनीतिज्ञों, उद्योगपतियों , सरकारी अधिकारियों, पर काबू नहीं पाया जा सकता। अब रही बात टाइम्स आफ इण्डिया की, यह विदेशी समाचार ग्रुप भ्रष्ट राजनीतिज्ञों, उद्योगपतियों और सरकारी अधिकारियों की कमजोरी पकड़ उनको ब्लैक मेल कर रहा है। इन्हें टी आर पी और पैसा चाहिए।
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