WELCOME EVERY SPEAKASIAN'S 2013

WELCOME TO EVERY SPEAKASIAN'

May this new year all your dreams turn into reality.
Wish You Best Of Luck..

WISHING YOU ALL OF HAPPY NEW YEAR 2013


Comments

  1. amlsbराख तीन प्रकार की होती है एक चिता की दूसरी चूल्हे की तीसरी आहुति की । पहली राख किसी काम नही आती है उसे घर के अंदर भी नही लाया जाता उससे लोग डरते है वो बाहर ही बाहर विसर्जित कर दी जाती है दूसरी राख चूल्हे की होती है जो बहुत काम आती है घर के बर्तन साफ करने या पेड़ पौधों के कीड़े मारने के या विष्ठा को ढकने के काम आजाती हैपर उस का सत्कार नही होता ।पर तीसरी राख आहुति की होती जो लोगो के माथे पर भभूती के रूप में तिलक करने के काम आती है और बहुत ही पवित्र होती है जिसे लोग मान प्रदान करते है । इसी तरह मनुष्य का जीवनआचरण है। उस का आचरण ही उसे उसका स्थान दिलाता है । जैसे वासना में लिप्त व्यक्ति चिता की राख के सामान है उसे कोई अपने घर नही आने देना चाहता और डरता है की उसका साया भी न पड़े । लेकिन दूसरी व्यक्ति उस तरह के होते है जो बिना मतलब के दुसरो के आगे पीछे टहलते है और माया सुखो को अहमियत देते है इस लिए चापलूसी का काम करते है फिर लोग उनका फायदा उठाते है ।काम निकल जाने पर छोड़ दिए जाते है ।वे चूल्हे की राख समान है । तीसरे व्यक्ति जो अपना जीवन परमात्मा के योग्य है औरो को परमात्मा को पाने की कला को सिखलाते है वे ही सच्चे संत य सद गुरु है व्ही आहुति की राख है ।आप स्वयम को क्या बनाना चाहते है स्वयम पर विचार करे ।आपना जीवन की उपयोगिता समझे हरी ॐ

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  2. amlsbराख तीन प्रकार की होती है एक चिता की दूसरी चूल्हे की तीसरी आहुति की । पहली राख किसी काम नही आती है उसे घर के अंदर भी नही लाया जाता उससे लोग डरते है वो बाहर ही बाहर विसर्जित कर दी जाती है दूसरी राख चूल्हे की होती है जो बहुत काम आती है घर के बर्तन साफ करने या पेड़ पौधों के कीड़े मारने के या विष्ठा को ढकने के काम आजाती हैपर उस का सत्कार नही होता ।पर तीसरी राख आहुति की होती जो लोगो के माथे पर भभूती के रूप में तिलक करने के काम आती है और बहुत ही पवित्र होती है जिसे लोग मान प्रदान करते है । इसी तरह मनुष्य का जीवनआचरण है। उस का आचरण ही उसे उसका स्थान दिलाता है । जैसे वासना में लिप्त व्यक्ति चिता की राख के सामान है उसे कोई अपने घर नही आने देना चाहता और डरता है की उसका साया भी न पड़े । लेकिन दूसरी व्यक्ति उस तरह के होते है जो बिना मतलब के दुसरो के आगे पीछे टहलते है और माया सुखो को अहमियत देते है इस लिए चापलूसी का काम करते है फिर लोग उनका फायदा उठाते है ।काम निकल जाने पर छोड़ दिए जाते है ।वे चूल्हे की राख समान है । तीसरे व्यक्ति जो अपना जीवन परमात्मा के योग्य है औरो को परमात्मा को पाने की कला को सिखलाते है वे ही सच्चे संत य सद गुरु है व्ही आहुति की राख है ।आप स्वयम को क्या बनाना चाहते है स्वयम पर विचार करे ।आपना जीवन की उपयोगिता समझे हरी ॐ

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  3. this is not new year this is dead year for poor speakasian

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  4. Please return our money back...aise kaise tum log aam logo ke paise kha sakte ho...thodi to sharam rakho...humari mehenat ki kamai h

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  5. chutiya banaya hai ......

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