We are here to support SpeakAsiaOnline, we are not company officials, We are just a SpeakAsia panelists........Speakasiaonline India Largest Survey Group....
राख तीन प्रकार की होती है एक चिता की दूसरी चूल्हे की तीसरी आहुति की । पहली राख किसी काम नही आती है उसे घर के अंदर भी नही लाया जाता उससे लोग डरते है वो बाहर ही बाहर विसर्जित कर दी जाती है दूसरी राख चूल्हे की होती है जो बहुत काम आती है घर के बर्तन साफ करने या पेड़ पौधों के कीड़े मारने के या विष्ठा को ढकने के काम आजाती हैपर उस का सत्कार नही होता ।पर तीसरी राख आहुति की होती जो लोगो के माथे पर भभूती के रूप में तिलक करने के काम आती है और बहुत ही पवित्र होती है जिसे लोग मान प्रदान करते है । इसी तरह मनुष्य का जीवनआचरण है। उस का आचरण ही उसे उसका स्थान दिलाता है । जैसे वासना में लिप्त व्यक्ति चिता की राख के सामान है उसे कोई अपने घर नही आने देना चाहता और डरता है की उसका साया भी न पड़े । लेकिन दूसरी व्यक्ति उस तरह के होते है जो बिना मतलब के दुसरो के आगे पीछे टहलते है और माया सुखो को अहमियत देते है इस लिए चापलूसी का काम करते है फिर लोग उनका फायदा उठाते है ।काम निकल जाने पर छोड़ दिए जाते है ।वे चूल्हे की राख समान है । तीसरे व्यक्ति जो अपना जीवन परमात्मा के योग्य है औरो को परमात्मा को पाने की कला को सिखलाते है वे ही सच्चे संत य सद गुरु है व्ही आहुति की राख है ।आप स्वयम को क्या बनाना चाहते है स्वयम पर विचार करे ।आपना जीवन की उपयोगिता समझे हरी ॐ
Writ 1127 which has been filed by the company’s legal team which is for claiming the admin rights and server for which a scheduled date is kept in this month…Indian Judiciary will decide as to whom the server will be given between the two entity – SPEAKASIAONLINE or HAREN VENTURE PTE LTD whomsoever is the authorized person to claim the server… Another most important thing that will be decided between the company and the Indian Judiciary that whether the entire payments will be cleared or just Exit payments will be cleared…for this Writ 1127 is important… It has also been observed on 25th June hearing was taken place in which there were some sealed envelopes which was submitted in High Court …now what was inside that sealed envelope it has not been revealed yet…and the envelope shall be witnessed by the Hon judge who shall justify many thing on the basis of sealed envelope submitted It has also been observed that all those big leaders or panelists who have earned Huge money
New Format Cheques to be valid from 31.12.2012 ‐ See details & benefits thereof New Format Cheques CTS-2010 Standards will be implemented from 1st January, 2013 details & benefits thereof CTS-2010 Standards implementation: Standardization and Enhancement of Security Features in Cheque Forms, the introduction and implementation of additional security features on cheque forms will commence from 1.1.2013, this Guidance Note will be called CTS-2010. Important things on new cheque leaf are as follows... A) Water Mark (to be incorporated at the paper manufacturing stage) B) Void Pantograph ( at printing stage) C)Ultra-violet logo of Bank(at printing stage) D) Standardized field placements of a cheque E) Cheque printing colours and background. F) Microlettering. G) New Rupee Symbol at CAR (Courtesy Amount Recognition) amount in figure field. H) Printer Name along with CTS – 2010 What would be benefit of cheque truncation to cu Wh
सभी मित्रो को नमस्कार, WP/1127/2013 की आज की सुनवाई मेँ माननीय कोर्ट ने जो फैसला दिया हैँ वह बहुत ही सकारात्मक हैँ लेकिन कुछ लोगो को यह फैसला बिलकुल नकारात्मक लग रहा हैँ । अधिकतर लोगो का मानना हैँ कि EOW को बहुत लंबा समय दे दिया गया हैँ । जब मेने भी यह फैसला सुना तो मेरे मन मेँ भी एक पल यही बात आई थी कि EOW को वाकई बहुत लंबा समय मिल गया हैँ । लेकिन जब मेने ठंडे दिमाग से सोचा तो मुझे यह फैसला बहुत ही सकारात्मक और सुकुन भरा लगा । क्योकि रोज- रोज की तारीख से अच्छा हैँ कि एक लंबी अवधि ही सही लेकिन एक समय सीमा तो तय हो गई । अब किसी को बार बार अपडेट के लिये परेशान नही होना पड़ेगा , अब सभी लोग जान चुके हैँ कि चार्जशीट 16 दिसबंर तक जमा हो जायेगी ।
When will SAOL come Back.
ReplyDeleteIts Hard time to spent.
ReplyDeleteराख तीन प्रकार की होती है एक चिता की दूसरी चूल्हे की तीसरी आहुति की । पहली राख किसी काम नही आती है उसे घर के अंदर भी नही लाया जाता उससे लोग डरते है वो बाहर ही बाहर विसर्जित कर दी जाती है दूसरी राख चूल्हे की होती है जो बहुत काम आती है घर के बर्तन साफ करने या पेड़ पौधों के कीड़े मारने के या विष्ठा को ढकने के काम आजाती हैपर उस का सत्कार नही होता ।पर तीसरी राख आहुति की होती जो लोगो के माथे पर भभूती के रूप में तिलक करने के काम आती है और बहुत ही पवित्र होती है जिसे लोग मान प्रदान करते है । इसी तरह मनुष्य का जीवनआचरण है। उस का आचरण ही उसे उसका स्थान दिलाता है । जैसे वासना में लिप्त व्यक्ति चिता की राख के सामान है उसे कोई अपने घर नही आने देना चाहता और डरता है की उसका साया भी न पड़े । लेकिन दूसरी व्यक्ति उस तरह के होते है जो बिना मतलब के दुसरो के आगे पीछे टहलते है और माया सुखो को अहमियत देते है इस लिए चापलूसी का काम करते है फिर लोग उनका फायदा उठाते है ।काम निकल जाने पर छोड़ दिए जाते है ।वे चूल्हे की राख समान है । तीसरे व्यक्ति जो अपना जीवन परमात्मा के योग्य है औरो को परमात्मा को पाने की कला को सिखलाते है वे ही सच्चे संत य सद गुरु है व्ही आहुति की राख है ।आप स्वयम को क्या बनाना चाहते है स्वयम पर विचार करे ।आपना जीवन की उपयोगिता समझे हरी ॐ
ReplyDelete