Ashok Bahirwani's Updates 23-01-2012 In Hindi



Good Morning Speakasians, एक दिन पहले, तीसरी बार EOW द्वारा मुझे पूछताछ के लिए बुलाया गया था. मुझे लगता है मेरे साथ निपट चुके हैं, लेकिन ऐसे मामलों में यकीन नहीं किया जा सकता है.  हम सभी जानते हैं कि श्री आशीष दांडेकर, हिरासत से एक दिन पहले रिहा किये गए थे और लगभग दो महीने के बाद वे घर वापस आ गये हैं .
मैं आप सभी को बहुत ख़ुशी से बताना चाहता हूँ ,कि श्री Melwyn Crasto 17 जनवरी 2012 , पर रिहा कर दिए गये थे. संयोग से , Melwyn की पत्नी, Amanciana का जन्मदिन था. मुझे यकीन है कि Melwyn उसे इससे बेहतर जन्मदिन का उपहार नहीं दे सकते थे.

मुझे एहसास हुआ है कि १६ जनवरी २०१२, के सुप्रीम कोर्ट घटनाओं के बारे में कुछ उलझने उत्पन्न हुई है .

अदालत में दायर जवाब को "हलफनामे का जवाब " कहा जाता है.

सरल शब्दों में स्पष्ट करना,RBI समय चाहती थी अपना "हलफनामे का जवाब " दर्ज करने के लिए और अदालत ने आदेश पारित किया :-

"वकील की सुनवाई पर कोर्ट ने निम्नलिखित आदेश बनाया

दो सप्ताह की अवधि के भीतर RBI "हलफनामे का जवाब " दर्ज करेगी.

सूची उसके बाद ".

कुछ लोग उलझन में पड़े, कि क्या था यह हलफनामा जिसे अदालतने RBI से दर्ज करने के लिए कहा था. मुझे यकीन है कि ऊपर दिए गए स्पष्टीकरण से मुद्दा स्पष्ट हुआ है कि RBI को सभी उत्तरदाताओं की तरह "हलफनामे का जवाब " दर्ज करने के लिए कहा गया था.

मेरे पिछले अद्यतन में मैंने गलती से उल्लेख किया था कि उपरोक्त आदेश भारत राज्य (वित्त सचिव के माध्यम से) के वकील के अनुरोध पर बनाया गया था. हालांकि भारत राज्य अदालत में मौजूद था, लेकिन RBI के अनुरोध पर आदेश पारित किया गया था. मैं गलती के लिए माफी चाहता हूँ

मैंने विश्वसनीय तरीके से जाना है कि, Phoenix Legal ने पुलिस आयुक्त में एक शिकायत दर्ज कराई है,उन लोगों के खिलाफ जो वेबसाइट के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, इस शिकायत में, Phoenix Legal ने स्पष्ट कहा है कि, अगस्त २०११ से., वेबसाइट SAOL के "नियंत्रण" में नहीं है

कुछ पनेलिस्ट जो गिरफ्तार कर लिए जाने के बारे में चिंतित थे, मुंबई उच्च न्यायालय में AISPA Writ में एक "हस्तक्षेप आवेदन" दाखिल करने की प्रक्रिया में हैं.

इस हस्तक्षेप के आवेदन में मुख्य प्रार्थना है कि सभी हस्तक्षेप कर्ताओं को वैसी ही सुरक्षा प्रदान कि जानी चाहिए, जिस तरह की सुरक्षा मुझे प्रधान की गयी है,क्योंकि वे भी इसी तरह की स्तिथि और स्तर पर है

मैंने मेरे पिछले अद्यतनो में हमेशा समझाने की कोशिश की है, कि जब मामला न्यायाधीन है, कोई समय सीमा नहीं दी जा सकती है. लेकिन अंतिम विश्लेषण में याद रहे , यह हमेशा "सत्यमेव जयते" ही होगा

अक्सर यह कहा जाता है कि धैर्य ज्ञान का साथी है. इस अंतिम पड़ाव पर, जब जीत हमारी नज़रों में है, हमें बुद्धिमानी से धैर्य दिखाने की आवश्यकता है. घटनाओं पर विश्वास रखिये, समझिये, कि भले ही प्रक्रिया धीमी गति से हो रही है, लेकिन निश्चित रूप से हमारे पक्ष में हो रही है.

अनुचित और अप्रमाणिक अफवाहों पर ध्यान नहीं दे. ये एक सार्वजनिक लड़ाई में सामान्य परेशानी हैं और पहली बार तो नहीं हो रही हैं.

अब तक यह यात्रा अपने उतार चढाव के साथ काफी लंबी चली है. निराशा और खुशी के क्षण हमारे हिस्से आये है. हम एक दूसरे का हाथ थामे अब तक खड़े है और हम अंत तक टिके रहेंगे.

"एक मैराथन (बहुत लम्बी दौड़) जीवन की तरह है उसके उतार चढ़ाव के साथ, लेकिन एक बार आप इसे करते हैं तो आपको लगता है कि आप कुछ भी कर सकते हैं" ... अज्ञात

हम आगे बढ़ते रहेंगे और लगातार कड़ी कोशिश करेंगे, सभी Speakasians के अधिकारों की रक्षा का, हमारा उद्देश्य प्राप्त करने के लिए

मोरया ... भाई मोरया .

जय Speakasia.

अशोक बहिरवानी

सचिव AISPA

Comments

Popular posts from this blog

Writ 1127 Full update

New Format Cheques to be valid from 31.12.2012

THINK TO BE POSITIVE WP/1127 DISPOSED