स्पीक एशिया: Ashok Bahirwani’s Updates: 9th January 2012/हिंदी मैं
हम सभी को बेसब्री से आज के दिन का इंतज़ार था, सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका 383 /2011 की सुनवाई के बारे में जानने का. जैसा कि आप शायद अब तक जानते हैं, कि उत्तरदाताओं अर्थात् SAOL (Speakasia), HVP (हरेन वेंचर्स), EOW , RBI और CBDT (IT विभाग) सभी आज सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित थे .
सुनवाई आज नहीं हो सकी क्योंकि मध्यस्थ की रिपोर्ट उत्तरदाताओं को उपलब्ध नहीं थी. रिपोर्ट के अभाव में सलाहगार अपने मुवक्किलों से उचित आदेश नहीं ले सके.
अदालत ने आदेश दिया कि रिपोर्ट दो दिनों के भीतर सभी उत्तरदाताओं को उपलब्ध कराया जाए और सुनवाई अब सोमवार यानी १६ जनवरी २०१२, के लिए सूचीबद्ध है.
दोस्तो, मैं मेरे सभी Speakasian दोस्तों से कह रहा हूँ , कि इस तरह के स्थगन आम हैं और हमें हमेशा उसके लिए तैयार रहना चाहिए. इसे एक विलम्ब के रूप में नहीं मानना चाहिए,यह एक सामान्य और नियमित प्रक्रिया है.
दोस्तो, मैं मेरे सभी Speakasian दोस्तों से कह रहा हूँ , कि इस तरह के स्थगन आम हैं और हमें हमेशा उसके लिए तैयार रहना चाहिए. इसे एक विलम्ब के रूप में नहीं मानना चाहिए,यह एक सामान्य और नियमित प्रक्रिया है.
मैं एक बार फिर से आपके ध्यान में लाना चाहता हूँ कि फ्रेंचाइजी के खाते DEFREEZED (फिर से शुरू) नहीं किये गए हैं. मैं सबसे ज्यादा खुश होता अगर यह वास्तव में हुआ होता, लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन यह निश्चित रूप से जल्द ही होगा.
मैं कर्तव्यबद्ध हूँ यह देखने के लिए कि सभी पैनलइस्ट्स को पूरे Speakasia मामले के बारे में प्रमाणीकृत और पक्की खबर मिले और मैं किसी भी मंच पर चल रही अफवाह या झूठी खबर , को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता.
आज तीसरी बार, हमारी वेबसाइट खुल रही थी और लॉग इन संभव था. ऐसा भी लगता है कि कुछ RP, ५ जनवरी २०१२ को कुछ पैनलईस्ट के E-Wallet में जमा हुए हैं.
कृपया सचेत रहिये, क्योंकि यह एक और कपटी खेल योजना है, पैनलईस्ट के बीच गड़बड़ी फैलाने के लिए.
मेरा सुझाव है सभी पनेलिस्ट्स को, कि जब तक आधिकारिक तौर पर कंपनी को वेबसाइट नहीं सौंप जाती, तब तक कोई भी लेनदेन या गतिविधि कृपया न करें . हम सभी को निश्चित रूप से उस के बारे में कंपनी द्वारा सूचित किया जाएगा.
संक्षेप में, सभी कानूनी मंचों में मामला एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा हैं. हमारे बीच जो दुश्मन है, दहशत और अविश्वास का प्रसार करने की कोशिश कर रहा है, और सकारात्मक खबर जो सच नहीं है, की अफवाहें फैलाता रहेगा.
क्या हमें दबंग के संवाद याद नहीं है: "साहब थप्पड़ से डर नही लगता है .. प्यार से डर लगता है ".
अच्छी लेकिन झूठी खबर, बुरी पर सच्ची खबर से ज्यादा खतरनाक है.
विश्वास रहे , धैर्य रहे, अपनी कंपनी पर भरोसा रहे .
... मोरया भाई मोरया
जय स्पीक एशिया
अशोक बहिरवानीसचिव AISPA
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